मैं अमन उपासक हूँ मेरे अधरों पे वंदन रहने दो
मैं प्रेम पपीहा हूँ मेरे गीतों में चंदन बहने दो
मैं घायल मन को मरहम हूँ
मैं तपते तन को शबनम हूँ
मैं सुमन सुवासित सरगम हूँ
नित नव उत्पीडन रहने दो...
मैं प्रेम पपीहा हूँ मेरे गीतों में चंदन बहने दो
मैं घायल मन को मरहम हूँ
मैं तपते तन को शबनम हूँ
मैं सुमन सुवासित सरगम हूँ
नित नव उत्पीडन रहने दो...
वाह क्या बात है....
जवाब देंहटाएंAnil jee,
जवाब देंहटाएंExtremely greatful for your kind appreciation and happy new year.