जब तुम पर उदासी छाएगी फ़िर याद कर लेना
शेरों से हमारे फ़िर कभी दिल शाद कर लेना
मन की तितलियाँ जब फड़फड़ातीं जाएंगीं
यादों के घरोंदे में कभी आबाद कर लेना
साया भी हमारा साथ तेरा इस कदर देगा
दिलकश ये अह्सासे रूह बरसों भी बाद कर लेना
अहसासे रूह एक रोशनी में तुम हमें देखना
कोई नाम ना आकार दे आज़ाद कर लेना
पानी में हवा में आग में हर जगह हम ही हैं
जब चाहे जहाँ चाहे हमें तुम याद कर लेना !!
--अश्विनी रमेश !
(यह गज़ल आज ही मैंने फेसबुक नोट के माध्यम से पहले फेसबुक पर सबसे पहले प्रकाशित की--अश्विनी रमेश )
शेरों से हमारे फ़िर कभी दिल शाद कर लेना
मन की तितलियाँ जब फड़फड़ातीं जाएंगीं
यादों के घरोंदे में कभी आबाद कर लेना
साया भी हमारा साथ तेरा इस कदर देगा
दिलकश ये अह्सासे रूह बरसों भी बाद कर लेना
अहसासे रूह एक रोशनी में तुम हमें देखना
कोई नाम ना आकार दे आज़ाद कर लेना
पानी में हवा में आग में हर जगह हम ही हैं
जब चाहे जहाँ चाहे हमें तुम याद कर लेना !!
--अश्विनी रमेश !
(यह गज़ल आज ही मैंने फेसबुक नोट के माध्यम से पहले फेसबुक पर सबसे पहले प्रकाशित की--अश्विनी रमेश )
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