सोमवार, 11 जून 2012

दीवानगी

तेरे शहर की हर दिवार को पता है मेरी दीवानगी का..
अक्सर लग्ग के गले मैंने उनके आंसू बहाए हैं...लिखारी:अश्वनी भारद्वाज

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